Friday, October 29, 2010

18 वर्ष के बूढों से मिले औए अपने आपके को देखे......!!!!!!!!!!


अपने देश को आजाद हुए ६० साल से ज्याद हो गए लेकिन अभी भी हमसब असली आजादी को नहीं पा सके है। असली आजादी कहने का मतलब है कि हर तरफ ख़ुशी और शांति का माहौल हो लेकिन ये तो जैसे सपना बनते जा रहा है। लोग शांति व् ख़ुशी के लिए तरश रहे है ,लेकिन वो नहीं जानते कि वो वो वैसे देश में रह रहे है जहाँ युवा लोग मरे हुए है। उनको अपने से फुरशत नहीं है तो वो देश के बारे में और देशवाले के बारे में क्या सोचेंगे ? उनको तो प्यार मोहब्बत करने व् मशकरी करने , शराब .गुटका,सिगरेट,तम्बाकू व् अन्य नशीली चीजो को खाने से छुट्टी मिले तब न । ये तो ऐसे सो गए है कि इनको और किसी चीज से कोई मतलब ही नहीं है। मै अपने शब्दों में कहूँगा कि ये सारे युवां १८ वर्ष के बूढ़े लोग है।

अब मै अपने इस कथन को इसलिए कह रहा हूँ कि जैसे बूढ़े के जिंदगी में कोई मकसद नहीं रह जाता और ऐसे लोग अक्सर हतोत्साह व् थके-हारे सा होते है , इनके आँखों पे चश्मा व् मुहँ में बीड़ी या तम्बाकू देखा जा सकता है, इनके बॉडी झुके हुए से होते है और जिन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे लोग दुसरे पर निर्भर रहते है। ऐसे लोग समाज व् देश के बारे में आपस में खूब चर्चा करेंगे लेकिन थके-हारे होने से ये कुछ कर नहीं पाते ,इसलिए तो ये बूढ़े कहलाते है । अब मै पूछता हु कि :-

ये गुण क्या हमारे भारतीय युवा में देखने को नहीं मिलता ?

क्या इनके पास अपने देश के बारे में कोई खाश मकसद रह गया है?

क्या ये अपने जिंदगी को बिताने के लिए दुसरो पे निर्भर नहीं है?

ऐसे बहुत बहुत सारे बूढों का गुण हमारे इन नवजवानों में कूट कूट कर भरा है तो क्या हम इन्हें १८ साल का ........... नहीं कह सकते। अगर किसी को इस बात पर शक है तो बताये ,तो मै येही पूछूँगा कि आज़ादी के बाद भी हम अपने देश को विकशित राष्ट्र क्यों नहीं बना पाए? क्या इसका दोष इन युवावों को नहीं दिया जा सकता ?

हमारे देश में लगभग ५६ करोड़ से भी अधिक युवा है लेकिन अधिकतर जवानी में ही बूढ़े हो चुके है तो फिर हमारा देश कैसे विकशित राष्ट्र बन सकता है । अभी सबसे जरुरी काम इन सोये हुए युवावों को जगाने कि और इन्हें अपनी शक्ति का अहसास दिलाने की ।

"कोई जागे या न जागे ये उसका मुक्कदर है ,

मेरा फ़र्ज़ है ,आपका फ़र्ज़ है जागते रहिये। "

तो आये दोस्तों और देश को विकशित राष्ट्र बनाने के साथ साथ इन सोये हुए युवावों को जागने के देशव्यापी मुहीम चलाया जाये tabhi हमर देश २०२० तक विकशित राष्ट्र बन सकता और हम अपने डॉ अब्दुल कलाम व् पुरे देश का सपना vision2020 ko पूरा कर सकते है।

जय हिंद, जय भारत