सिरहा पंचायत को एक मॉडल पंचायत के रूप में बदलना
है और एक प्रोजेक्ट के तौर पर कार्य करना एक जरदस्त चुनौती है. 2015 तक गाँव को पूरी
तरह से हाई-टेक बना देना और पूरा डॉक्यूमेंट तैयार करना, गाँव में किये जा रहे
कार्य के दौरान जो समस्याये आ रही है, उससे लिखकर एक मेकनिज्म तैयार करना जिससे
दूसरे गाँव में आसानी से लागू किया जा सके. 2015 तक सिरहा गाँव को और पुरे चंपारण
को 2017 तक विकसित कर गांधीजी के 2017 में चंपारण आने का 100 वर्ष पूरा होने पर एक
शानदार उपलब्धि होगी.इसके लिए “सिरहा गाँव” एक दिशा-निर्देश का कार्य करेगा.गाँव
को जनवरी 2009 से विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी तक वह तस्वीर
नहीं आ पाया है. अत: यह बहुत जरुरी बन जाता है कि पुरे उर्जा व उचित दिशा-निर्देश
में बहुत सारी संस्थाओं का योगदान हो. सर्वे में शिक्षा, स्वास्थ्य व् सरकारी
योजनाओं पर कार्य कर समस्या व् समाधान खोजने का प्रयास किया गया, गाँव के दो मध्य
विद्यालयों व् दलित बस्ती का मुयाना किया गया और समस्यों को चुनकर उसका हल निकालने
का प्रयास किया गया.
सर्वे के दौरान निम्लिखित समस्याओं पर विचार किया गया....
1.सरकारी योजनाओं का सही आंकड़ा का नहीं होना
2.गाँव के लोगो की उदासीन मानसिकता
3.पुस्तकालय में पुस्तकों का अभाव व् विद्यार्थियों में जागरूकता की कमी
4.कंप्यूटर रहने के वावजूद बिजली के अभाव में संचालन बंद
5.युवाओं की उदासीनता व् दिशा भटकाव
6.स्वास्थ्य चिकित्सकों की अनुपस्थिति एवं लोगों की उदासीनता
7.लोगो के बीच सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता की कमी
8.सरकारी स्कूलों में प्रबंधन की कमी
9.योग्य शिक्षक की कमी अथवा उचित प्रशिक्षण का अभाव
10.स्कूलों में सरकारी योजनाओ का दुरुपयोग
11.स्कूल सहायता राशी का सही इस्तेमाल नहीं
12.बच्चों के बीच अनुशासन व् जानकारी का घोर अभाव
13.एक हाई स्कूल की आवश्यकता (लड़कियों के शिक्षा हेतु)
14.दलित बस्ती में शिक्षा,स्वास्थ्य व् मानसिकता में कमी
15.सबसे ज्यादा मेहनत की जरुरत है दलित बस्ती में
जरुरत है इसके हल के साथ धरातल पर उतारना ,रणनीति बनाकर पंचायत का मॉडल तैयार
करना
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